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लालबहादुर शास्त्री (जन्म: 2 अक्टूबर 1904 मुगलसराय - मृत्यु: 11 जनवरी 1966 ताशकन्द), भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। ...
शाहजहाँ का जन्म जोधपुर के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से 5 जनवरी, 1592 ई. को लाहौर में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम जहाँगीर का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर ...
लोदी वंश की स्थापना दिल्ली की गद्दी पर अधिकार करने वाले बहलोल लोदी ने 1451 ई. में की थी। यह वंश 1526 ई. तक सत्ता में रहा और सफलतापूर्वक शासन करता रहा। बहलोल लोदी सरहिन्द का इक्तादार था और जिसने शीघ्र ही सारे पंजाब पर अपना अधिकार जमा लिया था। बहलोल लोदी की फ़ौज ने कुछ ही समय में समस्त ...
बहादुर शाह ज़फ़र (1775-1862) भारत में मुग़ल साम्राज्य के आखिरी शहंशाह थे और उर्दू भाषा के माने हुए शायर थे। उन्होंने १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय सिपाहियों का नेतृत्व किया। युद्ध में हार के बाद अंग्रेजों ने उन्हें बर्मा (अब म्यांमार) भेज दिया जहाँ उनकी मृत्यु हुई। "बहादुर शाह जफर का जन्म 24 अक्टूबर 1775 को हुआ ...
दिल्ली का यह अशोक स्तम्भ तीन शताब्दी ईसा पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप में महान सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गये भगवान बुद्ध की शिक्षाओं पर शिलालेखों की एक श्रृंखला है। ...
अलाउद्दीन खिल्जी(1296-1316)दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था । वो एक विजेता था और उसने अपना साम्राज्य दक्षिण में मदुरै तक फैला दिया था। इसके बाद इतना बड़ा भारतीय साम्राज्य अगले तीन सौ सालों तक कोई भी शासक स्थापित नहीं कर पाया था। वह अपने मेवाड चित्तौड़ के विजय अभियान के बारे में भी प्रसिद्ध है ...
राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। सन १९५० तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था। तब यह तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था। यह नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित है। इस महल में ३४० कक्ष हैं और यह विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है। वर्तमान भारत ...
दिल्ली का जन्तर मन्तर एक खगोलीय वेधशाला है। अन्य चार जन्तर मन्तर सहित इसका निर्माण महाराजा जयसिंह द्वितीय ने 1724 में करवाया था। यह इमारत प्राचीन भारत की वैज्ञानिक उन्नति की मिसाल है। जय सिंह ने ऐसी वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, उज्जैन, मथुरा और वाराणसी में भी किया था। दिल्ली का जंतर-मंतर समरकंद की वेधशाला से प्रेरित है ...
सर हर्बर्ट बेकर (9 जून 1862–4 फ़रवरी 1946) एक ब्रिटिश शिल्पकार थे जिनका दो दशक तक दक्षिण अफ़्रीकी वास्तुकला में बहुत महत्वपूर्ण योगदान था। उनका जन्म और निधन कोबम, केंट में आउलेट्स में हुआ था, और उनकी समाधि वेस्टमिन्स्टर ऐबी में है। ...
दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला शहर जापान की राजधानी टोक्यो है। क्या आप जानते हैं कि दुसरे नंबर में किस शहर का नाम आता है ? आपको बता दें कि सबसे अधिक आबादी वाला दुनिया का दूसरा शहर दिल्ली है। जी हां, यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला दूसरा शहर है। ...
कहा जाता है कि अपने पुत्र हुमायुं के बीमार पड़ने पर उसने अल्लाह से हुमायुँ को स्वस्थ्य करने तथा उसकी बीमारी खुद को दिये जाने की प्रार्थना की थी। इसके बाद बाबर का स्वास्थ्य बिगड़ गया और अंततः वो १५३० में ४८ वर्ष की उम्र में मर गया। उसकी इच्छा थी कि उसे काबुल में दफ़नाया जाए पर पहले उसे ...
महात्मा गांधी मार्ग या मुद्रिका मार्ग या रिंग रोड दिल्ली के दो रिंग मार्गों में से एक है। दूसरा है डॉ हेडगेवार मार्ग या बाहरी रिंग मार्ग (अंग्रेजी: Outer Ring Road, आउटर रिंग रोड)। दोनों की लम्बाई मिलाकर 87 कि॰मी॰ है। ...
ज़हिर उद-दिन मुहम्मद बाबर (१४ फ़रवरी १४८३ - २६ दिसम्बर १५३०) जो बाबर के नाम से प्रसिद्ध हुआ, एक मुगल शासक था जिसका मूल मध्य एशिया था। वह भारत में मुगल वंश का संस्थापक था। वो तैमूर लंग का परपोता था और विश्वास रखता था कि चंगेज़ ख़ान उसके वंश का पूर्वज था। मुबईयान नामक पद्य शैली का जन्मदाता बाबर ...
फ़िरोज़ शाह तुग़लक़ दिल्ली सल्तनत में तुग़लक़ वंश का शासक था। फ़िरोजशाह तुग़लक़ का जन्म १३०९ को हुआ| वो भारत पर अन्तिम मुसलिम शासक था| उसकी हूकूमत १३५१ से १३८८ तक रही| वो, दिपालपुर की हिदूं राजकुमारी का पुत्र था|उसने अपनी हूकूमत के दौरान कई हिन्दूयों को मुसलिम धर्म अपनाने पर मजबूर किया| ...
सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य या केवल हेमू (१५०१-१५५६) एक हिन्दू राजा था, जिसने मध्यकाल में १६वीं शताब्दी में भारत पर राज किया था। यह भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण समय रहा जब मुगल एवं अफगान वंश, दोनों ही दिल्ली में राज्य के लिये तत्पर थे। कई इतिहसकारों ने हेमू को 'भारत का नैपोलियन' कहा है। ...
पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे जो उत्तरी भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध के दौरान अजमेर और दिल्ली पर राज्य करते थे। पृथ्वीराज को 'राय पिथौरा' भी कहा जाता है। वह चौहान राजवंश का प्रसिद्ध राजा थे। पृथ्वीराज चौहान का जन्म अजमेर राज्य के गुर्जर राजा सोमश्वर के यहाँ हुआ था। उनकी माता का नाम ...
अबुल मुज़फ्फर मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर (४ नवम्बर १६१८ – ३ मार्च १७०७) जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (स्वंय को दिया हुआ शाही नाम जिसका अर्थ होता है विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था। उसका शासन १६५८ से लेकर १७०७ में उसकी मृत्यु होने तक चला। ...
दिल्ली , आधिकारिक तौर पर दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर ...
दिल्ली के चांदनी चैक में मुगल बादशाह अकबर शाह से मिली जमीन पर उसने एक बेहद खूबसूरत हवेली बनवाई जिसमें अब बिजली के सामान का एशिया का सबसे बडा बाजार भागीरथ पैलेस है ...
चौधरी चरण सिंह (२३ दिसम्बर १९०२ - २९ मई १९८७) भारत के सातवें प्रधानमन्त्री थे। उन्होंने यह पद २८ जुलाई १९७९ से १४ जनवरी १९८० तक सम्भाला। चौधरी चरण सिंह ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। ...
बादशाह अहमदशाह ने मुग़ल साम्राज्य पर 1748 से 1754 ई. तक शासन किया था। अहमदशाह का जन्म एक नर्तकी के गर्भ से हुआ था। मुहम्मदशाह रौशन अख़्तर की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी के रूप में अहमदशाह गद्दी पर बैठा। ...
दीन-ए-इलाही नाम से अकबर ने एक नया धर्म बनाया जिसमें सभी धर्मों के मूल तत्वों को डाला, इसमे प्रमुखता हिंदू एवं इस्लाम धर्म थे। इनके अलावा पारसी, जैन एवं ईसाई धर्म के मूल विचारों को भी सम्मलित किया। हाँलाँकि इस धर्म के प्रचार के लिए उसने ज्यादा कुछ नही किया केवल आपने विश्वस्त लोगों को ही इसमें सम्मलित किया। ...
कुतुबुद्दीन ऐबक के मरने के बाद लाहौर के तुर्क सरदारों ने आरामशाह को 1210 में सुल्तान घोषित कर दिया और आरामशाह ने 'मुज़फ़्फ़्रर सुल्तान महमूद शाह' की उपाधि ली और अपने नाम की मुद्राएँ चलायीं। आरामशाह में सुल्तान बनने के गुण नहीं थे ...
तैमुर लंग (अर्थात तैमूर लंगड़ा) (जिसे 'तिमुर' (8 अप्रैल 1336 – 18 फ़रवरी 1405) चौदहवी शताब्दी का एक शासक था जिसने महान तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था ...
बाद के वर्षों में अकबर को अन्य धर्मों के प्रति भी आकर्षण हुआ। अकबर का हिंदू धर्म के प्रति लगाव केवल मुग़ल साम्राज्य को ठोस बनाने के ही लिए नही था वरन उसकी हिंदू धर्म में व्यक्तिगत रुचि थी। हिंदू धर्म के अलावा अकबर को शिया इस्लाम एवं ईसाई धर्म में भी रुचि थी। ईसाई धर्म के मूलभूत सिद्धांत जानने ...
औरंगज़ेब के अन्तिम समय में दक्षिण में मराठों का ज़ोर बहुत बढ़ गया था। उन्हें दबाने में शाही सेना को सफलता नहीं मिल रही थी। इसलिए सन 1683 में औरंगज़ेब स्वयं सेना लेकर दक्षिण गया। वह राजधानी से दूर रहता हुआ, अपने शासन−काल के लगभग अंतिम 25 वर्ष तक उसी अभियान में रहा। 50 वर्ष तक शासन करने के बाद ...
लाल किले का मुख्य-द्वार, जिसे लाहौर द्वार भी कहते हैं। इसी किले पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज स्वतंत्रता के क्षण से शान से फहराता है। लाल किला एवं शाहजहाँनाबाद का शहर, मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा ई स 1639 में बनवाया गया था। लाल किले का अभिन्यास फिर से किया गया था, जिससे इसे सलीमगढ़ किले के संग एकीकृत किया जा ...
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