Top GK Quiz Answer Description
सातताल झील नैनीताल से 23 किमी दूर स्थित एक बहुत ही ख़ूबसूरत झील है। यह झील उत्तराखंड में स्थित हैं। इस ताल तक पहुँचने के लिए भीमताल से ही मुख्य मार्ग है। भीमताल से 'सातताल' की दूरी केवल 4 कि.मी. है। आजकल यहाँ के लिए एक दूसरा मार्ग माहरा गाँव से भी जाने लगा है। माहरा गाँव से सातताल केवल ...
भारतीय सर्वेक्षण विभाग, भारत की नक्शे बनाने और सर्वेक्षण करने वाली केन्द्रीय एजेंसी है। इसका गठन १७६७ में ब्रिटिश इंडिया कम्पनी के क्षेत्रों को संगठित करने हेतु किया गया था। यह भारत सरकार के पुरातनतम अभियांत्रिक विभागों में से एक है। सर्वेक्षण विभाग की अद्भुत इतिहास रचना में व्याल/मैमथ महान त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण भी आते हैं ...
हरिद्वार, हरिद्वार जिला, उत्तराखण्ड, भारत में एक पवित्र नगर और नगर निगम बोर्ड है। हिन्दी में, हरिद्वार का अर्थ हरि "(ईश्वर)" का द्वार होता है। हरिद्वार हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। ...
उत्तराखण्ड (पूर्व नाम उत्तरांचल), उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका निर्माण ९ नवम्बर २००० को कई वर्षों के आन्दोलन के पश्चात भारत गणराज्य के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। सन २००० से २००६ तक यह उत्तराञ्चल के नाम से जाना जाता था। जनवरी २००७ में स्थानीय लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य ...
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालिज या आर.आई.एम.सी. दून घाटी में लड़्कों के लिये एक उत्तम निजि विद्यालय है। यही सन 1947 तक प्रिंस ऑफ वेल्स रॉयल इण्डियम मिलिट्री कालिज था। यह संस्थान एक महान परंपरा की धरोहर लेये है, जो अब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एन.डी.ए.) और अन्ततः भारतीय सेना का फीडर संस्थान है। यहां के उत्तीर्ण छात्र, रिम्कॉलियन्स कहलाते हैं (अल्युम्नाई ...
कुमाँऊ के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में एक है छोलिया नृत्य जिसका इतिहास लगभग १००० साल पुराना है। इस नृत्य का उदय खसिया राज्य के वक्त माना जाता है जब विवाह तलवारों की नोक पर हुआ करते थे। खस शायद छत्रिय शब्द का अपभ्रंश हो क्योंकि इनके ज्यादातर रिति रिवाज राजपूतों के रिवाजों से काफी मिलते हैं। ...
देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में स्थित है। इस संस्थान की स्थापना गायत्री परिवार के पितृपुरुष पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा 11 अप्रैल 2002 में की गयी। ...
न्य अनुसंधान संस्थान, देहरादूनय और अनेक संबद्ध महाविद्यालय हैं। मसूरी में भारतीय प्रशासनिक सेवा का प्रशिक्षण केंद्र है। 1950 के दशक से स्कूलों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई और विद्यार्थियों ने हर स्तर पर दाख़िला लिया, जिससे 1991 के 57.27 प्रतिशत की तुलना में 2001 की जनगणना के अनुसार शिक्षा का आंकड़ा बढ़कर 72.28 प्रतिशत हो गया। महिलाओं (60.26 ...
माना दर्रा उत्तराखंड के कुमाऊँ श्रेणी में स्थित है। इस दर्रे से होकर मानसरोवर और कैलाश घाटी जाने का मुख्य मार्ग गुजरता है। यह दर्रा विशाल हिमालय में समुद्र तल से लगभग 5545 मीटर (18192 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। माना दर्रा भारत के उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है। ...
प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यमुना नदी की तट पर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर में प्रार्थना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां पर ...
भारत का इतिहास उत्तराखंड के वीरों के अनुपम शौर्य एवं गौरवशाली सैनिक परम्पराओं तथा बलिदान की गाथाओं से भरा पड़ा है। विपरीत परिस्तिथियों में संघर्ष करने की शक्ति गढ़वालियों की विशेषता रही है। गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट अपना 125 वां स्थापना दिवस मना रही है। हम आपको गढ़वाल रेजीमेंट की वीरता से रूबरू कराते हैं। ...
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी उद्देश्य (ला.ब.शा.रा.प्र.अ.) उच्चतर सिविल सेवाओं के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समर्पित, भारत का अग्रणी संस्थान है। इसके मुख्य दायित्व हैं- अखिल भारतीय सेवाओं तथा केंद्रीय सेवाओं (समूह 'क') के सदस्यों को एक संयुक्त आधारिक पाठ्यक्रम के जरिए प्रवेशकालीन प्रशिक्षण प्रदान करना ...
कण्वाश्रम उत्तराखण्ड स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। गढ़वाल जनपद में कोटद्वार से 14 कि.मी. की दूरी पर शिवालिक पर्वत श्रेणी के पाद प्रदेश में हेमकूट और मणिकूट पर्वतों की गोद में स्तिथ 'कण्वाश्रम' ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। माना जाता है कि यही कण्व ऋषि का आश्रम था। ...
देवप्रयाग भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर एवं प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। यह अलकनंदा तथा भागीरथी नदियों के संगम पर स्थित है। इसी संगम स्थल के बाद इस नदी को पहली बार 'गंगा' के नाम से जाना जाता है। ...
केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्थरों से ...
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