Top GK Quiz Answer Description
कुशीनगर प्राचीन भारत के तत्कालीन महाजनपदों में से एक एवं मल्ल राज्य की राजधानी था। यह नगर 26°45’ उत्तरी अक्षांश और 83°55’ पूर्वी देशांतर के बीच स्थित था। वर्तमान समय में यह गोरखपुर से 32 मील (लगभग 51.2 कि.मी.) पूर्व, देवरिया से 21 मील (लगभग 33.6 कि.मी.) उत्तर और पडरौना से 13 मील (लगभग 20.8 कि.मी.) दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। ...
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश राज्य में अलीगढ़ जिले में शहर है। अलीगढ़ नगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्व-विद्यालय के कारण विश्व प्रसिद्ध है। और अपने ताले के लिये भी. अलीगढ़ जनपद को खैर, अतरौली, गभाना, इगलास और कोल तहसीलों में विभाजित किया हुआ है। अलीगढ़ प्राचीन नाम कोइल या कोल भी कहलाता है। अलीगढ़ शहर, उत्तरी भारत के उत्तर-मध्य उत्तर प्रदेश राज्य में ...
उत्तर प्रदेश का एक जिला है। यह नगर, गंगा के बायीं ओर ग्रैंड ट्रंक रोड से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। किसी समय गंगा नदी इस नगर के पार्श्व से बहती थी। रामायण में इस नगर का उल्लेख मिलता है। तॉलेमी ने ईसा के काल में कन्नौज को 'कनोगिज़ा' लिखा है। ...
लखनऊ भारत के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी है। इस शहर में, लखनऊ जिला और लखनऊ मंडल का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। लखनऊ शहर अपनी खास नज़ाकत और तहजीब वाली बहुसांस्कृतिक खूबी, दशहरी आम के बाग़ों तथा चिकन की कढ़ाई के काम के लिये जाना जाता है ...
कबीर (जन्म- सन् 1398 काशी - मृत्यु- सन् 1518 मगहर) का नाम कबीरदास, कबीर साहब एवं संत कबीर जैसे रूपों में भी प्रसिद्ध है। ये मध्यकालीन भारत के स्वाधीनचेता महापुरुष थे और इनका परिचय, प्राय: इनके जीवनकाल से ही, इन्हें सफल साधक, भक्त कवि, मतप्रवर्तक अथवा समाज सुधारक मानकर दिया जाता रहा है तथा इनके नाम पर कबीरपंथ नामक संप्रदाय ...
दशहरी आम आम की एक किस्म है जो अपनी भीनी खुशबू और स्वाद के लिए विदेशों में भी मशहूर है। इसे दक्षिण भारत में दसहरी भी कहा जाता है। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व कई गाँवो जैसे नन्दी फिरोजपुर , व काकोरीइलाके आदि में पैदा होता है। ...
सारस विश्व का सबसे विशाल उड़ने वाला पक्षी है। इस पक्षी को क्रौंच के नाम से भी जानते हैं। पूरे विश्व में भारतवर्ष में इस पक्षी की सबसे अधिक संख्या पाई जाती है। सबसे बड़ा पक्षी होने के अतिरिक्त इस पक्षी की कुछ अन्य विशेषताएं इसे विशेष महत्व देती हैं। उत्तर प्रदेश के इस राजकीय पक्षी को मुख्यतः गंगा के ...
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University) इलाहाबाद में स्थित एक सार्वजनिक विश्वविद्यालय है। यह राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के नाम पर है। इसका स्थायी परिसर इलाहाबाद स्थित फाफामऊ में है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, अधिनियम 1999 उत्तर प्रदेश (अधिनियम संख्या-10, 1999) के अन्तर्गत हुई। ...
पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे ...
थारू, नेपाल और भारत के सीमावर्ती तराई क्षेत्र में पायी जाने वाली एक जनजाति है। नेपाल की सकल जनसंख्या का लगभग 6.6% लोग थारू है। भारत में बिहार के चम्पारन जिले में और उत्तर-प्रदेश के नैनीताल और ऊधम सिहं नगर में थारू पाये जाते हैं। थारुओं का मुख्य निवास स्थान जलोढ़ मिट्टी वाला हिमालय का संपूर्ण उपपर्वतीय भाग तथा उत्तर ...
लखनऊ समझौता अंग्रेज़ी: Lucknow Pact, दिसंबर 1916 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस और अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा किया गया समझौता है, जो 29 दिसम्बर 1916 को लखनऊ अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस द्वारा और 31 दिसम्बर 1916 को अखिल भारतीय मुस्लिम लीग द्वारा पारित किया गया। ...
४९९ में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। यह परिवार उज्जैन के निकट कपित्थ(कायथा) नामक गांव का निवासी था। उनके पिता आदित्यदास सूर्य भगवान के भक्त थे। उन्हीं ने मिहिर को ज्योतिष विद्या सिखाई। कुसुमपुर (पटना) जाने पर युवा मिहिर महान खगोलज्ञ और गणितज्ञ आर्यभट्ट से मिले। इससे उसे इतनी प्रेरणा मिली कि उसने ज्योतिष विद्या और खगोल ज्ञान को ही ...
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन भारतीय स्वतन्त्रता के लिए सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से ब्रिटिश राज को समाप्त करने के उद्देश्य को लेकर गठित एक क्रान्तिकारी संगठन था।। 1928 तक इसे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के रूप में जाना जाता था।। अनुक्रम ...
कालसी यमुना और उसकी सहायक टोंस के संगम पर स्थित है। यह देहरादून से लगभग 56 किलोमीटर दूर है। कालसी में दून घाटी के कुछ बेहद लुभावने दृश्य हैं। यह जगह बाहर घूमने फिरने और दोस्तों तथा परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए आदर्श है ...
गोस्वामी तुलसीदास १४९७ - १६२३ एक महान कवि थे। उनका जन्म राजापुर क़स्बे (वर्तमान चित्रकूट जिला) उत्तर प्रदेश में हुआ था। कुछ विद्वान् आपका जन्म सम्वत्- 1568 विक्रमी में सोरों शूकरक्षेत्र में हुआ मानते हैं। अपने जीवनकाल में उन्होंने १२ ग्रन्थ लिखे। उन्हें संस्कृत विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता ...
भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश प्रांत के गोंडा-बहराइच जिलों की सीमा पर यह प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से १२ मील पश्चिम में आज का सहेत-महेत गाँव ही श्रावस्ती है। प्राचीन काल में यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी। भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था ...
फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश का एक शहर एवं जिला मुख्यालय है।यह शहर चूड़ियों के निर्माण के लिये प्रसिद्ध है। यह आगरा से 40 किलोमीटर और राजधानी दिल्ली से 250 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व की तरफ स्थित है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ यहाँ से लगभग 250 किमी पूर्व की तरफ है। फिरोज़ाबाद ज़िले के अन्तर्गत दो कस्बे टुंडला और शिकोहाबाद ...
श्री वल्लभाचार्यजी के चौरासी शिष्यों के अलावा अनगिनत भक्त, सेवक और अनुयायी थे। उनके पुत्र श्रीविट्ठलनाथजी (गुसाईंजी) ने बाद में उनके चार प्रमुख शिष्यों - भक्त सूरदास, कृष्णदास, परमानन्द दास और कुम्भनदास, तथा अपने स्वयं के चार शिष्यों - नन्ददास, छीतस्वामी, गोविन्दस्वामी तथा चतुर्भुजदास, जो सभी श्रेष्ठ कवि तथा कीर्तनकार भी थे, ...
वत्स या वंश या बत्स या बंश प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह आधुनिक इलाहाबाद के आसपास केन्द्रित था। उत्तरपूर्व में यमुना की तटवर्ती भूमि इसमें सम्मिलित थी। इलाहाबाद से ३० मील दूर कौशाम्बी इसकी राजधानी थी। वत्स को वत्स देश और वत्स भूमि भी कहा गया है। इसकी राजधानी कौशांबी (वर्तमान कोसम) इलाहाबाद से 38 ...
पण्डित चन्द्रशेखर 'आजाद' (२३ जुलाई १९०६ - २७ फ़रवरी १९३१) ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पण्डित राम प्रसाद बिस्मिल व सरदार भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों ...
वैष्णवाचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में प्रयाग में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु राघवानंद के विशिष्टा द्वैत मत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थों की यात्रा कीं। ...
काशी विद्यापीठ की स्थापना असहयोग आन्दोलन के समय १० फ़रवरी सन् १९२१ (वसन्त पंचमी के पावन अवसर पर) को बाबू शिव प्रसाद गुप्त द्वारा भदैनी, वाराणसी में हुई थी। गांधीजी ने इसकी आधारशिला रखी थी। देशरत्न शिव प्रसाद जी राष्ट्रवादी शिक्षाविद थे। उन्होने भूमि दी और दस लाख रूपये देकर 'श्री हर प्रसाद शिक्षा निधि' की स्थापना की। शीघ्र ही ...
अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद का सबसे बड़ा पार्क है। राजकुमार अल्फ़्रेड ड्यूक ऑफ़ एडिनबरा के इलाहाबाद आगमन को यादगार बनाने हेतु इसका निर्माण किया गया था। पार्क के अंदर राजा जार्ज पंचम और महारानी विक्टोरिया की विशाल प्रतिमा भी लगाई गई थी। ...
काम्पिल्य एक पौराणिक नगर है जो महाभारत के समय पंचाल जनपद की राजधानी थी जिसके राजा द्रुपद थे। इसके नाम का सर्वप्रथम उल्लेख यजुर्वेद की तैत्तरीय संहिता में 'कंपिला' रूप में मिलता है। बहुत संभव है, पुराणों में वर्णित पंचाल नरेश भृम्यश्व के पुत्र कपिल या कांपिल्य के नाम पर ही इस नगरी का नामकरण हुआ हो। महाभारत काल से ...
प्रदेश में देश का 10.5 प्रतिशत गोवंश एवं 27 प्रतिशत महिषवंश है यद्यपि प्रदेश वर्ष 2013-14 में 241.939 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन कर देश में प्रथम स्थान पर है। लेकिन प्रदेश में प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता कम है।इसका मुख्य कारण प्रदेश में उच्च गुणवत्ता युक्त पशुओं का कम होना है। ...
उत्तर प्रदेश के खीरी जनपद में स्थित यह संरक्षित क्षेत्र भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है। यह राष्ट्रीय उद्यान बाघों एंव बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है। ...
कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन अम्बिकाचरण मजूमदार की अध्यक्षता में 1916 ई. में लखनऊ में सम्पन्न हुआ। इस अधिवेशन में ही गरम दल तथा नरम दल, जिनके आपसी मतभेदों के कारण कांग्रेस का दो भागों में विभाजन हो गया था, उन्हें फिर एक साथ लाया गया। लखनऊ अधिवेशन में 'स्वराज्य प्राप्ति' का भी प्रस्ताव पारित किया गया। कांग्रेस ने 'मुस्लिम लीग' ...
ज़ियाउद्दीन बरनी का जन्म 1285 ई. में सैय्यद परिवार मे हुआ था। ज़ियाउद्दीन बरन (आधुनिक बुलन्दशहर) के रहने वाले थे, इसीलिए अपने नाम के साथ बरनी लिखते थे। इनका बचपन अपने चाचा 'अला-उल-मुल्क' के साथ व्यतीत हुआ, जो अलाउद्दीन ख़िलजी के सलाहकार थे। ...
महाभारत के अनुसार उत्तर पाँचाल की राजधानी अहिच्छत्र (= "सर्पों का छत्र" ; सबसे प्राचीन लेख में 'अधिच्छत्र') को कुरुओं ने वहाँ के राज से छीनकर द्रोण को दे दिया था। ...
वाराणसी का वास्तविक इतिहास शायद इतिहास के पन्नों से भी पुराना है। कहा जाता है कि वाराणसी विश्व के प्राचीन नगरों में से एक है। पुराणों के अनुसार मनु से 11वीं पीढ़ी के राजा काश के नाम पर काशी बसी। वहीं, वाराणसी नाम पड़ने के बारे में अथर्ववेद में वाराणसी को वरणावती नदी से सम्बन्धित कहा गया है ...
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