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डंडा नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य का लोकनृत्य है। इस नृत्य को 'सैला नृत्य' भी कहा जाता है। यह पुरुषों का सर्वाधिक कलात्मक और समूह वाला नृत्य है। डंडा नृत्य में ताल का विशेष महत्व होता है। डंडों की मार से ताल उत्पन्न होता है। यही कारण है कि इस नृत्य को मैदानी भाग में 'डंडा नृत्य' और पर्वती भाग में 'सैला ...
शिवपुरी मध्य प्रदेश प्रान्त का एक शहर है जो ग्वालियर से 113 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यह एक पर्यटक नगरी है और यहाँ का सौँदर्य अनुपम हैँ। शिवपुरी की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने के लिए यहाँ पर्यटक बड़ी संख्या में आते है। शिवपुरी में ग्वालियर के सिंधिया वंश की समर कैपिटल थी। वे शिवपुरी में ...
उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। ...
ब्रिटिश कालीन प्रतिद्ध इतिहासकार डॅा. आर.व्ही.रसेल एवं रायबहादुर हीरालाल द्वारा सन् 1913 व 1916 में लिखित पुस्तक ’’ दि कास्ट एण्ड ट््राईब्स आफ सेंट्रल प्राविंसेन्स आफ इण्डिया ’’ भाग-1 के पृष्ठ 366 तथा भाग !!! के पृष्ठ 182 187 188 एवं 582 तथा प्राचीन इतिहास के अनुसार हलबा जनजाति का मूल स्थान व उत्पत्ति तत्कालीन बस्तर राज्य, रायपुर जिले का ...
भारिया जनजाति का विस्तार क्षेत्र मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला और सरगुजा जिले हैं। इस अपेक्षाकृत बड़े भाग में फैली जनजाति का एक छोटा सा समूह छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट नामक स्थान में सदियों से रह रहा हैं। पातालकोट स्थल को देखकर ही समझा जा सकता है कि यह वह स्थान है जहां समय रूका हुआ सा प्रतीत होता है ...
भगोरिया एक उत्सव है जो होली का ही एक रूप है। यह मध्य प्रदेश के मालवा अंचल (धार, झाबुआ, खरगोन आदि) के आदिवासी इलाकों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। भगोरिया के समय धार, झाबुआ, खरगोन आदि क्षेत्रों के हाट-बाजार मेले का रूप ले लेते हैं और हर तरफ फागुन और प्यार का रंग बिखरा नजर आता है। ...
हेलिओडोरस 'दिया' (दियोन) का पुत्र और तक्षशिला का निवासी था। वह पाँचवें शुंग राजा काशीपुत भागभद्र के राज्य काल के चौदहवें वर्ष में तक्षशिला के यवन राजा एण्टिआल्कीडस (लगभग 140-130 ई.पू.) का दूत बनकर विदिशा आया था। ...
बैगा जनजाति मध्य प्रदेश की आदिम जनजातियों में से एक है। यह मध्य प्रदेश की तीसरी बड़ी जनजाति है। इस जनजाति की उपजातियों में 'नरोतिया', 'भरोतिया', 'रायमैना', 'कंठमैना' और 'रेमैना' आदि प्रमुख हैं। बैगा लोगों में संयुक्त परिवार की प्रथा पायी जाती है। इनमें मुकद्दम गाँव का मुखिया होता है। ...
सास बहू का मंदिर मध्य प्रदेश के इतिहास प्रसिद्ध शहर ग्वालियर में स्थित है। ग्यारवीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर शानदार मूर्तिकला का अद्भुत नमूना है। इस मंदिर का निर्माण 1093 ई. में किया गया था। स्थानीय लोगों की यह मान्यता है कि यह मंदिर 'सास और बहू' को समर्पित है। यह भी कहा जाता है कि यह मंदिर सहस्रबाहु ...
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