संदीप कुमार बसू की जीवनी - Biography of Sandeep Kumar Basu in hindi jivani Published By : mympsc.com नाम : संदीप कुमार बसू जन्म दि : 1944 ठिकाण : कोलकत्ता, पश्चिम बंगाल, भारत व्यावसाय : आणविक जीवविज्ञानी प्रारंभिक जीवनी : संदीप कुमार बसू का जन्म भारत मे पश्चिम बंगाल राजया के कोलकता मे सन 1944 को हुआ है | संदीप कुमार एक भारतीय आणविक जीवविज्ञानी और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के जेसी बोस चेयर के धारक है | उनहे लीशमैनियासिस तपेदिक वायरल संक्रमण मल्टड्रग पतिरोधी कैंसर और के उपचार प्रोटोकॉल मे नवचारों का श्रेय दिया जाता है | संदीपने सन 1962 मे प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता से स्त्रातक कि उपाधि प्रात्प कि है | 1964 मे उनहेांने जीवविज्ञान मे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ साइंस कलकत्ता से मास्टार की उपाधि प्राप्ता कि है | उनहेांने 1968 मे माइक्रोबियल चयापचय का विनियमन पर कलकत्ता विशवाविघ्यालय से पीएचडी प्राप्ता कि है | वह अपनी पोस्टा डॉक्टरल रिसर्च के लिए यूएसए के केएसी स्कूल ऑफ मेडिसिन लॉस एंजिल्सा कैलिफोर्निया विश्वाविघ्यालय, इरविन स्कूल ऑफ मेडिसिन सार्वजनिक स्वास्थ अनूसंधान संस्थान, न्यूयॉर्क मे और माइकल रीझ अस्पताल शिकागो मे शामिल हुए थे | कार्य : संदीप सन 1975 से 1983 तक टेक्सास साउथपेस्टार्न मेडिकल स्कूल विश्वाविघ्यालय मे एक संकाय सदस्या रुप मे कार्यरत रहे है | उसके बाद वह भारत मे कोलकत्ता के भारतीय रासायनिक जीवविज्ञान संस्थान मे शामिल हुए थे | संदीप ने 1986 मे इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी चंदीगढ के निदेशक के रुप मे काम किया है | वह 1991 मे नेशनल इंस्टीटयूअ ऑफ इम्यूनोलॉजी नई दिल्ली के निदेशक बने है | वहां पर वह सन 2005 तक कार्यरत रहे है | उसके बाद वह इंस्टीटयूट के प्रोफेसर के रुप मे 2010 तक कार्यरित थे | संदीप वैज्ञानिक और औधोगिक अनूसंधान परिषद के राष्ट्रीय विज्ञान संचार और सूचना संस्थान मे नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज भारत के जेसी बोस चेयर प्रोफेसर है | संदी बसू ड्रग्स के रिसेप्टर आधारित इंट्रासेल्यूलर डिलीवरी पर शोध से जुडे रहे है | उनकेव्दारा मेहतर के रिसेप्टर मध्यास्थता के एक नए दृष्टीकोण कि शूरुवात हुई है | उनके शोध से नई दवा के लक्ष्यों कि खेाज हुई है | और रोगजनकों पर रोगाणूरोगी मुरमाइल डाप्टाइड के चिकित्सीय प्रवाव का प्रदर्शन किया गया है | संदीप को कम घनत्वा वाले लिपोप्रोटीन रिसेप्टर्स के मार्ग कि स्थापना का श्रेय दिया जाता है इतना ही नही बल्की उनहेांने इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियप्पा टेक्नोलॉजी मे एक स्थायी परिसर कि स्थापना भी कि है | वह भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार समिती के एक पूर्व सदस्या है | नासा के उपाध्याक्ष भी रहे है | उपलब्धि : पूरस्कार और समान : 1) संदीप कुमार बसू FASC FTWAS और नेशनल अकेउमी ऑफ साइंसेज FNC के निर्वाचित फेलो रहे है | 2) सन 2001 मे उन्हें भारत सरकार व्दारा पघश्री पूरस्कार से सम्मानित किया गया है | 3) संदीप को रैनबैक्सी चिकित्सा विज्ञान पूरस्कार मीला है | 4) उनहें फिक्की लाइफ अवार्ड भी प्रात्पा हुआ है | 5) 1996 मे उनहे भसीन फाउंडेशन बायोटेक्नोलॉजी अवार्ड प्राप्ता हुआ है | 6) 1999 मे उनहें दो पूरस्कार 1 बी आर आंबेडकर पृरस्कार 2 आर के दतता मेमोरियल अवार्ड प्राप्ता हुऐ है | 7) सन 2003 मे गोयल पूरस्कार से उन्हे सम्मानित किया गया है | ग्रंथ/पूस्तक : 1) जनवरी 1976: सल्फेट युक्तग्लाइकोसिमिनोग्लाइकेन्सा व्दारा इसकी कोशिका कि सतह रिसेप्टर से कम धन्त्वा वाले लिपो का विमोचन | 2) 1980 : लिप्रोप्रोटीन क्षरण के लिए मेहतर सेल मार्ग् बंधन साइट कि वशिष्टता जो मैक्रोफेज व्दारा नकारात्माक से चार्ज किए गए एलडीएल के उत्थान कि मध्यास्था करती है |