संदीप चक्रवर्ती की जीवनी - Biography of Sandeep Chakraborty in hindi jivani Published By : mympsc.com नाम : संदीप चक्रवर्ती जन्म दि : 15 नवंबर 1958 ठिकाण : मालदा पश्चिम बंगाल भारत पत्नि : सोनाली व्यावसाय : खगोल भौतिकीविदू प्रांरभिक जीवनी : संदीप चक्रवर्ती एक भारतीय खगोल भौतिकी विदू है | उन्हेांने एक कंम्प्यूटर मॉडल विकसित किया है | जीसकेव्दारे यह देखा जा सके कि कैसे पूथ्वी पर जीवन कि उत्पात्ति बाहरी अंतरिक्ष मे हो सकती है संदीप चक्रवर्ती का जन्म 15 नवंबर 1958 मे भारत राजया पश्चिम बंगाल के मालदा मे हुआ है | उन्हेांने सन 1979 मे भौतिकी ऑनर्स मे रामकृष्ण मिशन अपासीय कॉलेज, नरेन्द्रपूर से बैचलर ऑफ साइंस कि उपाधि प्राप्ता कि है | उसके बाद उन्हेांने आईआई टी कानपूर से अपना एमएससी पूरा किया है | सन 1981 मे उन्हेांने अपने पीएचडी के लिए शिकागो विश्वाविघ्यालय मे भौतिकी विभाग मे प्रवेश लिया था | उसके बाद उन्हेांने रॉबर्ट गेरोच और एक्सीबी लियांग के साथ थ्योरस पर समित त्वरण मे सामान्या त्वरण जैसे समय पर एक पेपर पूरा किया था | उन्हेांने ब्लैक होल खगोल भौतिकी पर ध्यान केंद्रीत करने हुऐ सन 1985 मे अपनी पीएचडी कि शिक्षा पूरी कि है | इसके बाद वह आरसी टॉल्मन फेलो के रुप मे कैलटेक गए थे | कार्य : संदिप चक्रवर्ती ने टाटा इंस्टीटयूट ऑफ फंडामेंटर रिसर्च और एसएनबोस नेशनल सेंटर मे काम किया है | वर्तमान मे वह कोलकत्ता के इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्सा के निदेशक के रुप मे कार्यरित है | संदिप चक्रवर्ती राष्ट्रीय अनूसंधान परिषद व्दारा चयनित एक वरिष्ट सहयोगी के रुप मे नसा गोउार्ड स्पेस फलाइट सेंटर मे 1994 से 1995 मे कार्यरत रहे है | चक्रवर्ती के शोध का मुख्या फोकस ब्लैक होल और अन्या कॉम्पैक्ट पिंडो के आसपास के खगोल भौतिक प्रवाह के हाइड्रोडायनामिक और विकीरण गुण है | उन्हेांने दिखाया कि, एक्सीरेटिंग मैटर ट्रॉसेनिक होना चाहिए | और वह झाटके से ख्ंडे होने फैलने ओर फैलने कि स्थिती मे होना चाहिए | उनके आरैर उनके सहयोगियो व्दारा यह स्पष्ट हुआ है कि, ब्लैक होल अभिवृदूघ मे गैर केपलर घटक होम चाहिए जो अवलोकन गुणो को तय करने मे एक प्रमूख भूमिका निभाता है | चक्रवर्ती यह सूझााव देने वाले पहले वैज्ञानिक थे , जो कि 1995 मे प्रसूति तीसरे हांसपिले अलबामा सम्मेलन मे गामा रे फटने ब्लैक होल का जन्म रोना है | उपलब्धि : पुरस्कार और सम्मान : 1) संदीप को डीएससी गैर बंगा विश्वाविघ्यालयसे प्राप्ता हुई है | 2) संदीप को पश्चिम बंगाल सरकारव्दारा बंग रत्न प्राप्ता हुआ है | पुस्तक/ग्रंथ : 1) संदीप 1990 थेअरी ऑफ ट्रान्ससोनीक एस्ट्रोफिजीकल फलोझा| 2) संदीप स्कूल कि शोध गतिविधीयॉ हाल ही मे एक्साप्लोरिंग द यूनिवर्स फाम् नियर स्पेस टू एक्स्ट्रा गेलेक्टिक मे प्रकाशित हुई है |